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अयोध्या, 28 सितम्बर : पूरी दुनिया में अमन और खुशहाली के लिए उम्मीद की रोशनी जलाने वाली रामनगरी एक बार फिर कड़ी बंदिशों में जकड़ दी गयी है। अपराह्न दो बजे के पहले तक सड़कों पर फर्राटा भरते वाहनों के पहिये कदम-कदम पर रुकऩे लगे तो पैदल चलते लोगों को कई जोड़ी आंखें एक साथ घूरने लगीं। निर्णय जानने की आतुरता से सनी फिजा बदली तो निर्णय आने के बाद के हालात को लेकर आशंकाओं के बादल उमडऩे-घुमडऩे लगे। स्नानघाटों से लेकर मंदिरों तक पसरा सन्नाटा और गहरा गया तो हालात से अनजान दर्शनार्थी जल्द से जल्द वापस लौट जाने की तैयारी में जुट गये।
भारत दर्शन पर निकले कर्नाटक के यात्रियों का दल कदम-कदम पर सुरक्षा बलों का पहरा देख घबराया हुआ है। दल के अगुवा एनएम कृष्णमूर्ति पूरे प्रकरण से अनजान हैं। अयोध्या विवाद में फैसला सुनाने पर लगी रोक हटाये जाने की खबर जान लेने के बाद वह सहसा पूछ बैठते हैं-‘इसके लिए इतनी फोर्स क्यों? फिर कहते हैं-‘इतनी फोर्स तो कश्मीर में दिखती है। शाम के चार बजे हैं, दुनिया में विख्यात कनक भवन मंदिर के पट अभी बंद हैं। मंदिर के मुख्य अर्चक पं. सुरेश चतुर्वेदी बाहर मौजूद गिनती के श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए बस थोड़ा और इंतजार करने को कहते हैं। अयोध्या विवाद पर फैसला आने की खबर उनके लिए राहत भरी है। वह कहते हैं-‘यह संत्रास अब और नहीं जिया जाता…जिस शहर में बचपन बीता, वहीं परिचय पत्र लेकर चलना पड़ रहा है। कनक भवन की गली में चाय-नाश्ते की दुकान चलाने वाले रवि गुप्ता के लिए तो यह दौर बहुत भारी पड़ रहा है। उनकी तो रोजी-रोटी बस रोज के व्यापार से ही चलती है। अयोध्या रेलवे स्टेशन पर भी सन्नाटा पसरा है। यहां इक्का-दुक्का यात्री और उनके झोलों पर पैनी नजर गड़ाये बंदर ही दिखते हैं। तांगा वाले मोहन बाबू कहते हैं-‘घर पर बैठा नहीं जा सकता और यहां आने से भी कोई फायदा नहीं है, जाने कब तक सामान्य होगी अयोध्या। सुरक्षा बलों के पहरे से सहमी अयोध्या का सन्नाटा तोड़ते वाहनों का काफिला गुजरता है तो लोग घरों से बाहर आकर देखने लगते हैं। यह फ्लैग मार्च कर रही सुरक्षा बलों की वह टुकड़ी है जिसकी अगुवाई जिलाधिकारी एमपी अग्रवाल व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आरकेएस राठौर स्वयं कर रहे हैं। दोनों कहीं-कहीं रुककर लोगों से मिलते भी हैं और सुरक्षा के प्रति आश्वस्त करते हैं। इस बीच नयाघाट बंधा तिराहा, साकेत महाविद्यालय व टेढ़ीबाजार सहित नगर के सभी डेढ दर्जन प्रवेश मार्गों पर अयोध्या आने जाने वाले वाहनों व लोगों की सघन तलाशी और तेज कर दी गयी। अधिग्रहीत परिसर की ओर जाने वाले रास्ते पर पडऩे वाले बैरियरों दशरथ महल, अमावां मंदिर, रंगमहल, उनवल मंदिर, रत्न सिंहासन मंदिर व अशर्फी भवन चौराहा आदि स्थानों में सशस्त्र सुरक्षाकर्मी बेहद सतर्क हैं। इस बीच बन्दरों व मधुकरी संतों को सरयूतट स्थित सहस्रधारा घाट पर सरयू तीर्थ पुरोहित सेवा समिति द्वारा खिचड़ी खिलायी जा रही है। मधुकरी संत मिथिला बिहारी दास को इस बात की चिन्ता है कि आने वाले दिनों में कहीं ऐसे आयोजनों पर भी न रोक लगा दी जाय।
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