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सिर्फ दिल्ली की ‘ ताकत ‘ से नहीं चलेगा काम

प्रस्‍थान
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फैजाबाद : बीते लोकसभा चुनाव में मिली आशातीत सफलता को पायदान बनाकर सूबे की सत्ता में आने का ख्वाब देख रही कांग्रेस की प्रदेशीय टीम को पार्टी की केंद्रीय कार्यसमिति के सदस्य और सांसद डॉ. निर्मल खत्री ने आईना दिखा दिया है। वह कहते हैं-‘पार्टी के प्रदेश से लेकर जिले स्तर तक के नेता इस ‘रोग’ से ग्रस्त हैं कि दिल्लीNirmal Khatri (MP) से ‘ताकत’ लो और खुद जितना करना है न करो। सत्ता में आने के लिए इससे उबरना होगा। महंगाई के मुद्दे पर उन्होंने केंद्र सरकार को सावधान किया और कहा कि उसे इस मोर्चे को हल्के में नहीं लेना चाहिए। डॉ. खत्री शनिवार को क्षेत्र के दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने देश, प्रदेश और कांग्रेस के हालात पर ‘दैनिक जागरण’ से लंबी बातचीत की। प्रस्तुत है प्रमुख अंश :
-कांग्रेस प्रदेश विधानसभा चुनाव में अच्छे प्रदर्शन का दावा कर रही है। पार्टी किन मुद्दों पर यह चुनाव लड़ेगी?
-देखिए! आज ठीक वही परिस्थितियां हैं, जो पिछली बार मुलायम सिंह की सरकार के अंतिम दिनों में थी। कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर यह सरकार भी बुरी तरह असफल है। विकास के नाम पर कोई उपलब्धि नहीं है। पिछली बार जनता सपा से बुरी तरह नाराज थी, भाजपा को आजमा चुकी थी और कांग्रेस की ताकत का आकलन नहीं कर पा रही थी। ऐसे में उसने बसपा को विकल्प के तौर पर चुना। आज जनता को पता है कि प्रदेश में कांग्रेस के 22 लोकसभा सदस्य हैं। वह बहुमत के लिए आवश्यक सीटें ला सकती है। इस बार कांग्रेस बेहतर व मजबूत विकल्प के तौर पर जनता के सामने है। एक बात और, अब जाति आधारित राजनीति का जमाना गया।
-महंगाई व भ्रष्टाचार पर केंद्र सरकार खुद कठघरे में है। ऐसे में कांग्रेस किस तरह चुनाव का सामना करेगी?
-कांग्रेसजन जब पूरे जोश और मनोबल के साथ उतरेंगे तो भ्रष्टाचार के मामले में पार्टी कठघरे में नहीं होगी। जनता जानती है कि भ्रष्टाचार के मामले में केंद्र की यूपीए सरकार ने प्रभावी कार्रवाई की। आज बड़े-बड़े नेता और नौकरशाह जेल में हैं। यह बड़े साहस की बात है कि केंद्र सरकार ने अपने सहयोगी दल के मंत्री को जेल भेजा। एनडीए सरकार के कार्यकाल में लोगों ने भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण और तत्कालीन रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडीज के आवास पर सरकार के सहयोगी दल की नेता जया जेटली को घूस लेते टीवी पर देखा था। तत्कालीन एनडीए सरकार ने किसी भी मामले में आपराधिक मुकदमा नहीं चलाया। हां, महंगाई का मुद्दा जनमानस को झकझोरने वाला है। केंद्र सरकार को इसे हल्के में न लेकर कारगर इलाज ढंूढना होगा। सरकार को यह भी देखना चाहिए कि कहीं वायदा कारोबार के कारण तो महंगाई पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है?
-आप केंद्र में बसपा व सपा से सहयोग ले रहे हैं और प्रदेश में दोनों का विरोध कर रहे हैं, क्या जनता इसे नाटक नहीं समझेगी?
-गठबंधन की राजनीति के दौर में यह विसंगति तो झेलनी पड़ेगी। देश के कई अन्य प्रदेशों में भी ऐसा हो रहा है।
-पार्टी की सर्वोच्च नीति नियामक संस्था ‘सीडब्ल्यूसी’ के सदस्य के तौर पर क्या आप दल की चुनावी तैयारियों से संतुष्ट हैं?
-इंदिरा गांधी जी के जमाने से उत्तर प्रदेश के पार्टी नेताओं में एक आदत रही है कि दिल्ली से ‘ताकत’ लो और खुद जितना करना है, न करो। मैं समझता हूं कि खुद बहुत कुछ करना पड़ेगा। पार्टी महासचिव राहुल गांधी हर जगह पदयात्रा नहीं कर सकते। वह नजीर दे सकते हैं, रास्ता दिखा सकते हैं। प्रदेश से लेकर जिले तक यह ‘रोग’ है। इससे हमें उबरना होगा।
-क्या कांग्रेस भी मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट करके चुनाव लड़ेगी और कुछ दलों से तालमेल होगा?
-कांग्रेस में मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट करके चुनाव लडऩे की परंपरा कभी नहीं रही। तब भी ऐसा नहीं हुआ, जब नारायण दत्त तिवारी जैसे दिग्गज मुख्यमंत्री हुआ करते थे। लोकसभा चुनाव में पार्टी आगे रहती है और प्रत्याशी पीछे, लेकिन विधानसभा चुनाव में इसका उल्टा होता है। इस कारण जल्द से जल्द टिकट घोषित करने की तैयारी चल रही है। अन्य दलों से तालमेल की बात अभी चर्चा तक ही है।

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